At: Kathadih, Po: Sunder Nagar, Raipur
मोनोग्राम में हम इस विश्वविद्यालय की अभिकल्पना और भावी क्रिया कलापों के दर्शन कर सकते हैं। विश्वविद्यालय का उद्देश्य है वैश्विक संचार ग्राम की कल्पना के साथ-साथ, भारतीय चिंतन "वसुधैव कुटुम्बकम" का संश्लेषण हो, साथ ही अधुनातन तकनीकी विस्तार को भारतीय परंपरा और मूल्यों से जोड़ा जाए। देवर्षी नारद हमारे देश में पहले संप्रेषक या पत्रकार के रुप में जाने जाते हैं। उनके प्रतीक के रुप में एकतारा और खड़ताल दर्शाए गये हैं। सही अर्थों में देखें तो ग्रामीण अंचलों में इसी एकतारे और खड़ताल के द्वारा आज भी संदेशों का प्रभावी संप्रेषण होता है। उसके साथ इंटरनेट और अन्य अत्याधुनिक तकनीकी के प्रतीक के रुप में एक डिस्क दिखाई गई है। दोनो के सामंजस्य से संचार तरंगों का विस्तार प्रदर्शित है।
© 2025 | All rights reserved | Search Shiksha